जननी तू लालन पालन करती तू देव अविनि की सत्यार्थ साक्षात।। जननी तू लालन पालन करती तू देव अविनि की सत्यार्थ साक्षात।।
बीत जाएं चाहे कितनी ही सदियाँ भारत में कुछ नहीं बदलेगा। बीत जाएं चाहे कितनी ही सदियाँ भारत में कुछ नहीं बदलेगा।
कुछ अल्फ़ाज़ माँ के नाम। कुछ अल्फ़ाज़ माँ के नाम।
दुर्गा पूजा पर एक सामयिक कविता 'माँ ' दुर्गा पूजा पर एक सामयिक कविता 'माँ '
माँ तुम बहुत प्यारी हो... माँ तुम बहुत प्यारी हो...